बुधवार, 13 मई 2020

गांव की एक शाम (पलायन की व्यथा कथा)

गांव की एक शाम

     शाम का समय था। अंधेरा घिर रहा था। एक घर में रेडियो पर अंग्रेजी गीत बज रहे थे। मै सोचने लगा इस गांव में ऐसा कौन है जो अंगे्रजी गीतों को सुन रहा है। यहां तो लोग हिन्दी भी ठीक से नही जानते...... उस घर में लाइट भी नही है......एक छोटी सी चिमनी जल रही है.... शायद कोई वहां खाना बना रहा है। खिडकी से धुंवा बाहर आ रहा है। आखिरकार मैंने अपने दोस्त से पूछ ही लिया- ‘‘प्रभात वहां कौन रहता है’’? उसने कहा- एक बुढ़िया रहती है  
‘‘अकेली’’ 
मेरे सारे सवालों का जवाब मिल गया था।
मैं मौन हो गया..........
                                                                     -अनिल डबराल

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17 टिप्पणियाँ:

यहां 13 मई 2020 को 12:34 pm बजे, Blogger Naval ने कहा…

ye hui na baat

 
यहां 13 मई 2020 को 12:38 pm बजे, Blogger Unknown ने कहा…

बढ़िया अनिल द।

 
यहां 13 मई 2020 को 12:57 pm बजे, Blogger Unknown ने कहा…

गज़ब दादा

 
यहां 13 मई 2020 को 1:42 pm बजे, Blogger ANIL DABRAL ने कहा…

dhayawad bhai..

 
यहां 13 मई 2020 को 1:42 pm बजे, Blogger ANIL DABRAL ने कहा…

dhanyawad.... da

 
यहां 13 मई 2020 को 1:43 pm बजे, Blogger ANIL DABRAL ने कहा…

danyawad dada

 
यहां 13 मई 2020 को 1:56 pm बजे, Blogger Vikas kothari ने कहा…

Very good anil Bhai keep it up

 
यहां 13 मई 2020 को 2:01 pm बजे, Blogger Unknown ने कहा…

Badhiya bhai ji

 
यहां 13 मई 2020 को 2:26 pm बजे, Blogger ANIL DABRAL ने कहा…

dhanyawad vikas bhai.... aap logo k sahyog se sab hoga....

 
यहां 13 मई 2020 को 2:26 pm बजे, Blogger ANIL DABRAL ने कहा…

bahut bahut dhanyawad bhai...

 
यहां 13 मई 2020 को 4:48 pm बजे, Blogger Unknown ने कहा…

Badhiya

 
यहां 13 मई 2020 को 5:34 pm बजे, Blogger ANIL DABRAL ने कहा…

bahut bahut dhanyawad....

 
यहां 13 मई 2020 को 9:07 pm बजे, Blogger Unknown ने कहा…

Ati sunder

 
यहां 13 मई 2020 को 9:52 pm बजे, Blogger ANIL DABRAL ने कहा…

bahut bahut aabhar

 
यहां 14 मई 2020 को 1:48 pm बजे, Blogger Unknown ने कहा…

तीर सी चुभती कटूक्ति जो समझदारों के लिए एक इशारा है उस विरानेपन की हजारों ब्यथाओं की

 
यहां 20 मई 2020 को 10:19 am बजे, Blogger ANIL DABRAL ने कहा…

बहुत बहुत धन्यवाद आभार

 
यहां 29 जुलाई 2020 को 6:28 pm बजे, Blogger Unknown ने कहा…

bahut badiya

 

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