शुक्रवार, 22 मई 2020

इन्तजार (INTJAR)

इन्तजार
Photo source:- jhumki pics

सुबह से इन्तजार में थे..... न वो आया न पैगाम आया.....
न सब्र ने घुटने टेके, न दिल ने आस छोड़ी, न सागर में उफान आया।
राह देखते-देखते रात कट गई, चांद से बातें पूरी हुई,
रात भर तेरे किस्से तेरी बातें बताई उसे।
इत्मिनान से सुनता रहा तुम्हारी सारी बातें चांद..............
जिनको न कभी तुमने सुना......
एक चांद का साथ पूरा हुआ.......
एक चांद का पता नही.....
-अनिल डबराल

लेबल:

0 टिप्पणियाँ:

एक टिप्पणी भेजें

सदस्यता लें टिप्पणियाँ भेजें [Atom]

<< मुख्यपृष्ठ