रविवार, 25 अक्टूबर 2015

THE RIVER (नदी)

PHOTO:- HENWAL NADI

नदी


कुछ उछलकर ओ नदी!
मन हसरतें भर ओ नदी!
यूं मुस्कराकर ओ नदी!
तू किससे मिलने को चली?

       क्या दूर तेरा साजना
       या दूर तेरी मंजिल है।
       अल्हड सी चलती ओ नदी!
       तू किससे मिलने को चली?


अरे! धवल तेरा धर्म है
फिर लाल क्यों तू शर्म से
इतराती इठलाती नदी
तू किससे मिलने को चली?


है वक्र पथ और रास्ते में
कुछ बड़े पाषाण हैं।
टक्कर लगाती ओ नदी!
तू किससे मिलने को चली?

        है रूप तेरा गौर श्याम
         श्रृंगार तेरा फेन है  
        सजती संवरती ओ नदी!
        तू किससे मिलने को चली?


       वनिता नुपुर छम छम करे
      पायल तेरी कल कल करे
      घुंघरू बजाती ओ नदी
        तू किससे मिलने को चली?
&अनिल डबराल 

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