मन के विचारों और भावों को ब्लाॅग पर सजा रहा हूं। दशकों से जो कविताएं, कहानियां डायरी में जर्जर पड़ी थी, उनको अमर करने का प्रयास कर रहा हूं। स्वान्तः सुखाय और सर्वजन हिताय सर्वजन सुखाय के भाव से आप तक भी पहुंचा रहा हूं। कुछ कविताएं कुछ कहानियां और भी हिन्दी, गढवाली साहित्य की विभिन्न विधाओं को आपके द्वार ला रहा हूं।
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