सोमवार, 8 जून 2020

बादल

बादल
PHOTO SOURCE: GOOGLE

बादल हूं मैं या बादल की तरह बिखरा हुआ हूं,
धरा से दूर हूं पर............. न नभ तक पहुंचा हुआ हूं.......
न डर है मुझे खुद से धरा को देखकर...
ना गर्व है कि मैं गगन को चूमता हूं।
रात- दिन करता हवा के संग सफर
लक्ष्यहीन हूं या लक्ष्य से भी पार तक पहुंचा हुआ हूं।
                                                                                                                  
-अनिल डबराल

लेबल:

2 टिप्पणियाँ:

यहां 14 जून 2020 को 11:36 pm बजे, Blogger Sudha Devrani ने कहा…

लक्ष्यहीन हूं या लक्ष्य से भी पार तक पहुंचा हुआ हूं।
वाह!!!
बहुत सुन्दर सार्थक सृजन।

 
यहां 15 जून 2020 को 10:40 am बजे, Blogger ANIL DABRAL ने कहा…

धन्यवाद सुधा देवरानी जी , आप लोगों से सीख रहा हूँ..

 

एक टिप्पणी भेजें

सदस्यता लें टिप्पणियाँ भेजें [Atom]

<< मुख्यपृष्ठ