पथिक (PATHIK)


पथिक

अब के पथिक तेरे लिए

है राह भी परिणाम भी।

तू सोचकर फिर गौर कर

जाना कहां तू जा तभी।।01



          अनुसरण कर अनुकरण कर

          या खुद बना दे पथ नया।

           पथ के पथिक बाधा हटा

  उस पथ को तू सुपथ बना।।02



  पथ के पथिक पथ में कहीं गर

  पथ कोई दुपथ मिले।

  तू सोचकर फिर गौर कर

  गर है सुपथ तू जा तभी।।03


पथिक तेरे पथ में कांटे

भी मिलेंगे गर कहीं।

तू सोचकर फिर गौर कर

अनुचरों को पथ साफ कर।।04

 

   उद्दण्ड शैल दुर्लंघ्य सरिता

   जब राह तेरा रोक ले।

   तू सोचकर फिर गौर कर

   उत्साह बुद्धि से काम ले।।05



      हो अमावस घनघोर वन हो

      अपना साया तक न संग हो।

      तू सोचकर फिर गौर कर

      तू वीर है पथ प्रशस्त कर।।06


सत्पथ की हैं राहें कठिन

आपद-विपद् की हैं आंधियां।

तू सोचकर फिर गौर कर

चलता जा सीना तानकर।।07
-अनिल डबराल
                                                                        
Photo source:- wallpaper cave


एक टिप्पणी भेजें

6 टिप्पणियाँ